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"ब्रह्ममुहूर्त-ज्ञान सन्देश"

मनुष्य को अपने जीवन में धन केवल तन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही कमाना चाहिए, तभी परमात्मा को पाने का लक्ष्य बन सकता है, अन्यथा, मन में धन ही धन का लक्ष्य बन जाने से परमात्मा की विस्मृति हो जीवन ही अनर्थ की जाने लगता है।

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