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"ब्रह्ममुहूर्त-ज्ञान सन्देश"

एक सँसारी मनुष्य अपने जीवन में एक ही गलती को बार-बार करता रहता है, यदि मनुष्य भूतकाल में की गई गल्तियों से सीख नहीं लेता, तब तक उसके नये कर्मों में भी सुधार नहीं आता, फलस्वरूप मनुष्य के "बड़े भविष्य" की भी बिगड़ने की सम्भावनायें बढ़ने लगती हैं।

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