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"ब्रह्ममुहूर्त-ज्ञान सन्देश"

मनुष्य योनि में ही हम अपने कारण-शरीर को सुन्दर बनाते हुए अपनी अज्ञानता समाप्त कर क्रमश: मोक्ष की दिशा की ओर बढ़ सकते हैं। जिसके लिए हम सभी मनुष्यों को तमोगुण से परहेज, रजोगुण मर्यादा में और सतोगुण का अधिक से अधिक संग करते रहना होगा।

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