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"ब्रह्ममुहूर्त-ज्ञान सन्देश"

एक साधारण मनुष्य धन का संग्रह करने में ही अपने जीवन का अधिकांश समय यूँ ही गँवा देता है, क्योंकि अधिक धन कमाने के पीछे मनुष्य का लक्ष्य पदार्थों का अधिक से अधिक भोग करने का ही होता है, जबकि भोगने वाली स्थूल-इंद्रियां तो क्रमश: शिथिल होती जाती है ?

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