Skip to main content

"ब्रह्ममुहूर्त-ज्ञान सन्देश"

परमात्मा एक सर्वव्यापक आनन्दस्वरूप सत्ता है, जिसे कहीं ढूंढना नहीं होता, हमें केवल निरंतर सत्संग करते रहने से अपनी ज्ञानररूपी पात्रता बनानी होती है और पात्रता बन जाने पर परमात्मा अपने आनन्दरूपी झलकों का बोध करवाने लगते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24