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"ब्रह्ममुहूर्त-ज्ञान सन्देश"

सभी मनुष्यों को अपने मिले हुए जीवन में स्थूल-शरीर को मात्र 1%, सूक्ष्म-शरीर को 10% और कारण-शरीर को 100% महत्व देना चाहिए, तभी हमारा-आपका मनुष्य जीवन सार्थक हो सकेगा, अन्यथा यह अनुपात बिगड़ने से मरने के बाद अधोगति कि सम्भावानायें भी बढ़ने लगती हैं।

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