आप सभी भाई-बहनों को मकर-संक्रांति ["सूर्य की दक्षिणायन से उत्तरायर्ण की स्थिति में प्रवेश के साथ ही ठण्ड क्रमश कमजोर होने लगती है"।] की बहुत-बहुत "बधाई व शुभकामनायें"। सभी पर्व आपके-हमारे जीवन में उमंग-उल्लास लाते हुए भाई-चारा, मेल-मिलाप बढ़ाते हैं, ताकि हम सभी भाई-बहनों के जीवन में "सुख-शान्ति व समृद्घि" का वातावरण बने और प्रकृति के अन्य जीवों का जीवन भी सुचारू रूप से बीते। हम सभी मनुष्य अपने-अपने "कर्तव्य-कर्मों का पालन ईमानदारी से" करते हुए अपने "जीवन" के हर पल एक "उत्सव-रूपी" बितायें।
आपका आध्यात्मिक मित्र
सुधीर भाटिया फकीर
www.sudhirbhatiafakir.com
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