आज "शिक्षक दिवस" है, जोकि संसार के "सभी शिक्षकों को एक आदर-सम्मान" देने के दृष्टिकोण से मनाया जाता है। हालाँकि आध्यात्मिक गुरूओं पर श्रद्धा व्यक्त करने के लिए "गुरु-पूर्णिमा" को एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसलिए हम ॐ आध्यात्मिक ज्ञानात्मक चैनल ॐ की ओर से सभी "आध्यात्मिक गुरूओं" को व सभी "शिक्षकों/अध्यापकों" को भी सादर प्रणाम करते हैं। ज्ञान/प्रकाश/सतोगुण प्रकृति का एक शुद्धतम गुण है।
प्रकृति के 3 गुणों में सतोगुण, रजोगुण व तमोगुण परस्पर क्रमश 10 गुणा अधिक अच्छे बताये गये हैं अर्थात् तमोगुण से 10 गुणा अच्छा रजोगुण है, लेकिन रजोगुण से भी 10 गुणा अच्छा सतोगुण है।
इसलिए हम सभी मनुष्यों को अपने जीवन-काल में सतोगुण की प्रशंसा, रजोगुण के प्रति उदासीनता व तमोगुण की सदा ही निन्दा करते रहना चाहिए।
इसलिए इन गुणों के संग के "लाभ-हानि" को समझते हुए मनुष्य को सतोगुण का अधिक से अधिक संग यानी सत्संग यानी "ब्रह्ममुहूर्त" में उठते हुए अपने आचरण में सकारात्मक परिवर्तन लाते हुए "भौतिक-शिक्षा व आध्यात्मिक-ज्ञान" को "सर्वोपरी महत्व" देना चाहिए।
आपका आध्यात्मिक मित्र
सुधीर भाटिया फकीर
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