प्रकृति में 3 गुण सतो, रजो व तमो नित्य यानी हर पल मौजूद रहते हैं, फिर यह गुण एक क्रम में प्रधान, गौण, अति गौण रूप में आते-जाते रहते हैं. सूर्य के डूबते ही तमोगुण अपनी प्रधान अवस्था से आरंभ होना शुरू कर देता है, फिर सतोगुण और फिर रजोगुण. इनका आने का क्रम कभी नहीं बदलता, हम मनुष्य जिस-जिस गुण का जितना-जितना संग करते हैं, उस गुण का उतना-उतना रंग यानी असर यानी प्रभाव हमारे जीवन में सहज ही पड़ता जाता है.....सुधीर भाटिया फकीर